जो मुझको सदा राह दिखाती मोहमाया भरी दुनिया में भटकने से भी बचाती जो मुझको सदा राह दिखाती मोहमाया भरी दुनिया में भटकने से भी बचाती
दुख मेरा यह है, मुझे सच बोलना हैहाथ मे लेकिन कोई दर्पन नहीं हैकौन समझे दुख में डूबी खनखनाहटहथकड़ी है... दुख मेरा यह है, मुझे सच बोलना हैहाथ मे लेकिन कोई दर्पन नहीं हैकौन समझे दुख में ...
भूला नहीं हूँ मैं, याद है मुझे बातों से झड़ते फूलों की ख़ुशबू भूला नहीं हूँ मैं, याद है मुझे बातों से झड़ते फूलों की ख़ुशबू
यह लिखावट नहीं, वह खुद पूछ रही थी "सच में क्या... हमारे बीच इंसान कहीं है ?" यह लिखावट नहीं, वह खुद पूछ रही थी "सच में क्या... हमारे बीच इंसान कहीं है ?"
1944 मे भारतीय दबदबा बनाकर अंग्रेजों से भारत के कुछ हिस्से जीत गए। 1944 मे भारतीय दबदबा बनाकर अंग्रेजों से भारत के कुछ हिस्से जीत गए।